रत्न जब आप पहनते हैं तो उसका वजन क्या हो कब तक कोई रत्न पहना जाएगा और रत्नों के फायदे कैसे होंगे देखिए रत्न एक विशेष तरीके की ऊर्जा का स्रोत है हर रत्न के अंदर अलग-अलग तरह की ऊर्जा पाई जाती है यह जो रत्न है यह शरीर की ऊर्जा को ग्रहों की ऊर्जा के साथ मैच करवा देते हैं और इसी आधार पर जब आप रत्न पहनते हैं तो आपको लाभ होता है या हानी होती है
रत्नों को पहनाने में दो चीजों पर ध्यान देना सबसे ज्यादा आवश्यक है पहला उनका वजन और दूसरा उनका समय कितने वजन का रत्न पहना जाए और किस समय तक रत्न पहना जाए यह जानना समझना महत्त्वपूर्ण है इन दोनों चीजों को देखे बिना र नों को पहनना या पहनाना नुकसान कर सकता है खतरनाक हो सकता है यानी आप जब रत्न पहनेंगे या पहनाए तो इसके वजन पर ध्यान देंगे और कौन सा रत्न कितने समय तक पहनाया जाएगा इस पर भी आपका ध्यान देना जरूरी है
रत्न जब आप पहनते हैं तो आप देखते हैं कि कोई रत्न ज्यादा बड़ा पहना जाता है कोई रत्न छोटा पहना जाता है रत्नों के वजन में किन बातों का ध्यान रखें रत्न पहनते समय ग्रहों की स्थिति और आवश्यकता दोनों आपको देखना होगा कि ग्रहों की स्थिति क्या है और आवश्यकता क्या है तब जाकर के आप रत्नों के वजन का अनुमान कर सकते हैं
रत्न का जो वजन है वह ग्रहों के अंश के आधार पर करिए आदमी के वजन के आधार पर नहीं जैसे मान लिया आपका शुक्र जीरो डिग्री का है तो आपको बड़े हीरे की जरूरत पड़ेगी आदमी का वजन 100 किलो है तो आप बड़ा हीरा पहना देंगे ऐसा नहीं है ग्रहों की डिग्री कितनी है ग्रहों की पोजीशन क्या है उस आधार पर बड़ा या छोटा रत्न पहनाए आदमी के वजन के आधार पर रत्न नहीं पहनाए इसके अलावा अगर किसी न की रश्मी की आवश्यकता ज्यादा है तो बड़ा रत्न पहनिस रत्न की रश्मी की कम आवश्यकता है तो छोटा रत्न पहनिस लिया कि आपका चंद्रमा बहुत कमजोर है और चंद्रमा के लिए आपको ज्यादा रश्मी की जरूरत है
तो आप चंद्रमा का रत्न मोती ज्यादा बड़ा पहनेंगे लेकिन अगर आपको चंद्रमा की रश्मी की आवश्यकता कम है और आपको मोती पहनना है तो आप छोटी मोती पहनेंगे यानी ग्रहों की डिग्री और ग्रहों की रश्मी इसकी जितनी जरूरत होगी उसके हिसाब से आप रत्न धारण करेंगे